Home हिन्दी मेरे प्रिय 10 व्यक्तित्त्व : डॉ. कुमार विश्वास

मेरे प्रिय 10 व्यक्तित्त्व : डॉ. कुमार विश्वास

दुनिया में जब भी जो कुछ भी अनकिया हुआ है, वो दीवानों ने ही किया है। दीवाने वो, जो अनगढ़ हैं। दीवाने वो, जो किसी साँचे में नहीं ढले। साँचे में तो मूर्तियाँ बनती हैं – एक आकार की, एक प्रकार की, एकरूप। जो इस घेरे से बाहर रहे, उन्होंने ही इतिहास रचा, वही वर्तमान गढ़ रहे हैं और वही भविष्य बनाएँगे। दुनिया ने उन्हें दीवाना कहा, तो उन्होंने इसे प्रशंसा माना। एक समस्या ज़रूर रही, कि ऐसे ज़्यादातर दीवानों को उनके वर्तमान समय में कम गंभीरता से लिया गया। लेकिन दीवाने तो दीवाने हैं। उन्हें न तो इस बात का मलाल था कि वर्तमान क्या सोच रहा है और न तो इस बात की चिंता रही कि भविष्य क्या सोचेगा। लेकिन दुनिया ऐसे दीवानों से ही बनी है।

ऐसे बेपरवाह दीवानों के आसमान से दस दीवानों की फेहरिश्त बनाना कठिन है। बहरहाल, अगर दस की सीमा है, तो दस नाम तय करते हैं।

1. भगवान श्रीकृष्ण

Shri Krishna

मेरे आराध्य भगवान् श्रीकृष्ण को मैं सबसे बड़ा दीवाना मानता हूँ। उनके जीवन का सब कुछ एक आदर्श है। उन्होंने बचपन जिया तो ऐसा कि आज भी माँ अपने छोटे बच्चे को कान्हा कह कर बुलाती है, उन्होंने जवानी जी तो ऐसी कि आज भी प्रेम में पागल किसी लड़के को देख कर लोग कहते हैं कि बड़ा कन्हैया बना फिरता है, जिसने युद्ध रचाया तो ऐसा कि पाँच नासमझ लड़कों को अनंत अक्षौहिणी सेना के सामने जिता दिया और जिसने ज्ञान दिया तो गीता जैसा जिस पर सैकड़ों नोबल पुरस्कार क़ुर्बान किये जा सकते हैं।

ऐसा दीवाना शायद ही कोई हुआ, जो कभी सारथी बना, कभी गुरु बना, कभी प्रेमी बना तो कभी दोस्त बना और न सिर्फ बना, बल्कि हर भूमिका को बखूबी निभाया, जो किया पूरी दीवानगी के साथ किया। श्रीकृष्ण को पता था कि सांसारिक चक्र में सब कुछ तय है और विधि द्वारा निश्चित है। ऐसे में स्वयं को उस तय रंगमंच का एक पात्र बना कर अन्य सभी पात्रों के साथ मिल कर भूमिका निभाना एक कमाल की बात है।

2. भगत सिंह 

bhagat singh

शहीद-ए-आज़म भगत सिंह खुद ही कहते थे – कवि, प्रेमी और देशभक्त एक ही चीज़ से बने हैं जिसे लोग अक्सर ‘दीवानापन’ कहते हैं। महज़ 23 वर्ष की उम्र में देश के लिए अपनी आहुति दे देने से बड़ी दीवानगी और क्या होगी। भगत बाबा पर यह दीवानगी बचपन से ही तारी थी। चाहे वो खेत में बन्दूक बोने वाला मशहूर क़िस्सा हो या महज़ 12 वर्ष की उम्र में जलियाँवाला बाग़ फायरिंग की ख़बर सुन कर पैदल वहाँ तक पहुँच जाने वाली घटना। सेंट्रल हॉल में बम फेंकने के बाद वहाँ से सिर्फ इसलिए नहीं भागे कि अगले दिन के अख़बारो में सिर्फ़ यह न छपे कि बम फेंका गया बल्कि यह छपे कि बम फेंकने के बाद क्रन्तिकारी आज़ादी के नारे लगाते हुए गिरफ्तार हुए। जबकि उन्हें पता था कि पकडे जाने का मतलब सज़ा-ए-मौत है।

यहाँ तक कि जब भगत बाबा लाहौर जेल में बंद थे तो पंडित चंद्रशेखर आज़ाद की अगुआई में कुछ क्रांतिकारियों ने उन्हें जेल से भगाने की पूरी तैयारी कर ली थी। जब भागने का सन्देश भगत सिंह जी तक पहुँचा तो उन्होंने कहा कि मेरा मरना ज़रूरी है। मेरी मृत्यु के बाद क्रांति की मशाल दोगुनी ताक़त से जलेगी और फिर हमारा सपना पूरा होगा। मैं चाहता हूँ कि मेरी क़ुर्बानी पर हर माँ यह दुआ करे कि मेरी कोख से भी भगत सिंह जैसा बेटा पैदा हो।

3. मीराबाई 

Mirabai

मीराबाई की दीवानगी तो पूरी दुनिया को पता है। एक ऐसे व्यक्ति से प्रेम करना जो भौतिक रूप में प्रत्यक्ष है ही नहीं, यह सोच कर ही असंभव सा प्रतीत होता है। भगवान् श्रीकृष्ण की भक्ति में रससिक्त मीराबाई को उनके अलावा किसी चीज़ का भान नहीं था। कान्हा के गीत गढ़ना, कान्हा के गीत गाना और उनको ही पूरा जीवन समर्पित कर देना, इसमें मीराबाई ने अपनी पूर्णता माना। भक्ति और प्रेम के बीच की सेतु बनी मीराबाई को न अपनी चिंता थी, न अपने राज-कुल की।

भौतिक सुख के सब अवयव उन्हें सुलभ थे। लेकिन उस सुख में उनका सुख निहित था ही नहीं। मीरा को न फन चाहिए, न श्रृंगार चाहिए, न महल चाहिए, न प्रतिहारी चाहिए, बस मुरलीधर चाहिए। आज भी प्रेम-सिक्त भक्ति की रचनावली मीराबाई के भाषा शिल्प के आस-पास ही रहती है। मीराबाई ने कृष्ण की भक्ति में न सिर्फ गीत लिखे-गाए हैं, बल्कि यूँ कहिए कि वो स्वयं गीत हो गई हैं। वो अपने प्रभु के साथ एकाकार हो गई हैं।

4. सन्त कबीर  

kabir

सन्त कबीर तो हैं ही बेलौस। वो किसी फ़क़ीर की टूटी हुई सारंगी से उठते लेकिन सधे हुए अनहद नाद हैं। वो ऐसे दीवाने हैं जो तत्कालीन संस्कारधानी वाराणसी में गंगा के तट पर खड़े हो कर रूढ़िवादी परम्परा को आड़े हाथों ले सकते हैं। जो कह सकते हैं कि “हिन्दू अपनी करे बड़ाई, गागर छुअन न देइ, वेश्या के पायन तर सोवे यह देखो हिन्दुआई”। वही कबीर यह भी कहते हैं कि “मुसलमान के पीर-औलिया मुर्गी-मुर्गा खाई, खाला के री बेटी ब्याहै, घरहिं में करै सगाई”। कबीर अशिक्षित हैं, स्कूल-कॉलेज नहीं पढ़े हैं। किसी धर्म के अनुयायी नहीं हैं क्योंकि जन्म का पता नहीं है। ऐसे में उनकी तरबियत में किसी किस्म का बंधन उनके रास्ते में नहीं आया जो उनकी सोच को किसी कोष्ठक में भरे।

तो देखिए कि कैसे कबीर बेलौस हो कर रूढ़िवाद और धर्म की ओट में छुपी हिपोक्रैसी पर चोट कर सकते हैं। उन्होंने जो सीखा है, दुनिया को जी कर सीखा है। इसलिए आप उनके कथन में मनुष्य जीवन से जुड़े हर दर्शन को किसी वस्तु या किसी भौतिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ पाते हैं। अध्यात्म और भौतिकता के बीच एक धागा बुन देना कितनी बड़ी दीवानगी मांगता है, यह कबीर ने ही सिद्ध किया है।

5. एपीजे अब्दुल कलाम 

एपीजे इस युग के एकमात्र ‘अजातशत्रु’ हैं। आपने और मैंने उनके अलावा शायद ही कोई व्यक्ति देखा हो जो सबको प्रिय है। जब सारी दुनिया मिसाईल के लिए कुछ चुनिन्दा देशों की तरफ़ टकटकी लगाए प्रणाम की मुद्रा में कड़ी थी, तब एपीजे ने ये बीड़ा उठाया कि भारत अपना मिसाईल स्वयं बनाएगा। अग्नि की उड़ान न सिर्फ धातु से बने एक यंत्र की उड़ान थी बल्कि एक राष्ट्र की उड़ान थी, एक देश के सौ करोड़ लोगों की उड़ान थी, एक उभरते हुए ताकत की उड़ान थी।

जब एपीजे ने ऐसा करने की सोची तो उन्हें अव्यवहारिक समझा गया। लेकिन वो ऐसे दीवाने थे जिन्होंने जो कहा, वो कर दिखाया। उन्होंने बताया कि स्वप्न सच हो सकते हैं, चाहे वो कितने भी बड़े हों। विज्ञान-गन्धर्व एपीजे के जीवन में भी कमाल का वैविध्य था – वीणा के तार छेड़ते कलाम अलग ही थे, वैज्ञानिक कलाम कुछ और ही थे, दुनिया भर कर धर्म-ग्रंथों को अपने जिव्हाग्र पर रखने वाले कलाम दूसरे ही थे, छोटे बच्चों के साथ खेलते-कूदते हँसते-खिलखिलाते कलाम का अपना ही रंग था। इन सब का समग्र एक में होना उस दीवानगी का नाम है, जिसका नाम है एपीजे अब्दुल कलाम।

6. ओशो रजनीश

आप किसी एक बात में आस्था रखते हो और अचानक एक व्यक्ति आपकी उस आस्था को तोड़ देता है, वह भी पूर्ण और परिपक्व तर्क के साथ। इस स्थिति में दो बातें हो सकती हैं – या तो आप उस से नाराज़ हो जाएंगे या फिर आप उससे प्रेम करने लगेंगे। यदि आप ऐसी धृष्टता के बाद भी उससे प्रेम करने लगते हैं तो वो व्यक्ति ओशो जैसा ही हो सकता है।

ओशो एक ऐसा दीवाना है जिसके पास हर चीज़, हर घटना और हर प्रक्रिया को देखने का अपना ही नज़रिया है। अलग नज़रिया होना कोई कमाल नहीं है लेकिन दूसरों को भी उसी नज़रिए से दुनिया दिखला देना एक ऐसा चमत्कार है जो दीवानगी में मुब्तिला ओशो ही कर सकता है। ओशो कमाल हैं। सब कुछ चाहिए और कुछ नहीं होने में भी कोई मलाल नहीं है। ओशो आपको आपके तय किए हुए फ्रेम से बाहर लाते हैं और फिर एक नए रंग का चश्मा लगा कर दिखाते हैं। इसलिए ओशो वो दीवाने हैं जो आपको आपके जड़ दृष्टिकोण को चेतन करते हैं।

7. मिर्ज़ा ग़ालिब 

ghalib

एक बार किसी अँगरेज़ पुलिसवाले ने आधी रात को सड़क पर टहलते हुए मिर्ज़ा ग़ालिब को पकड़ लिया। उसने पूछा – ‘कौन हो तुम’? तो मिर्ज़ा ने कहा – ‘ग़ालिब’।  पुलिसवाले ने पूछा – ‘हिन्दू हो या मुसलमान हो?’ मिर्ज़ा बोले – ‘आधा मुसलमान हूँ। शराब पीता हूँ, सूअर नहीं खाता’। ऐसे अक्खड़ दीवाने थे मिर्ज़ा ग़ालिब। उनकी दीवानगी की तासीर देखिए कि उन्होंने अपनी दीवानगी से अपने लाखों पढ़ने वालों को भी दीवाना बनाया है। जितनी सधी हुई उनकी शायरी है, उतने ही बेपरवाह वो खुद हैं। मिर्ज़ा ग़ालिब अपने होने पर फ़िदा हैं और उनके चाहने वाले भी उन पर फ़िदा हैं। ‘न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता।

डुबोया मुझको होने ने, न होता मैं तो क्या होता’।ज़िन्दगी को बजाए रस्म अदायगी के, मिर्ज़ा ग़ालिब एक उत्सव की तरह देखते हैं, एक मेले की तरह, जहाँ क़िस्म-क़िस्म के झूले लगे हैं, कहीं मिठाईयाँ पक रही हैं, कहीं खिलौने बिक रहे हैं और जिन सबके बीच से मिर्ज़ा ग़ालिब टहलते हुए निकल रहे हैं और वहाँ चल रही हर एक बात को अपने नज़रिये से देख कर अपने अलफ़ाज़ में उसे बयां कर रहे हैं। वो इसलिए दीवाने हैं कि वो दुनिया की दीवानगी को लफ़्ज़ों के जामे में पिरोकर एक नई दुनिया गढ़ रहे हैं।

8. अमीर ख़ुसरो 

amir khusro

दुनिया में रह कर खुद को दुनिया से अलग कर लेना ही अमीर ख़ुसरो हो जाना है। दुनिया-ए-फ़ानी को सिर्फ एक जुमला न समझ कर वास्तव में ही दुनिया को मिटटी समझ लेने की दीवानगी अमीर खुसरो में ही हो सकती है। अपनी अलग दुनिया, अलग कहन, अलग भाषा, अलग शैली, अलग छन्द – यानि सब कुछ अलग। कहते हैं कि लेखन में छंदोदबद्ध पहेलियाँ और मुकरियाँ, गायन में क़व्वाली और साज़ों में सितार – ये सब अमीर ख़ुसरो की ही देन है। ‘खुसरो दरिया प्रेम का, सो उलटी वा की धार/ जो उबरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार’। दुनिया की रीत से उलट हो जाने में ख़ुसरो को कोई परेशानी नहीं है। अपनी धुन के धुनिया ख़ुसरो को संसार हमेशा दीवाने की नज़र देखता रहा, लेकिन ख़ुसरो एक अजब रंग में डूबे अपने गीत गाते रहे।

ख़ुसरो वो फ़क़ीर हैं जो अपनी दीवानगी को ही जीते हैं। उनके भाषा शिल्प को ही देखिए। खड़ी बोली हिन्दी, उर्दू और फ़ारसी के बीच पटरी बदलते समय ख़ुसरो ये नहीं सोचते कि इसे कहाँ बदलना है। तरतीब शायरी में है, सोच में नहीं है। सोच में तरतीब आई, और दीवानगी गई! ख़ुसरो प्रबंधित नहीं हैं, इसलिए प्रतिबंधित नहीं हैं। वो सीमेंट से बनी हुई फर्श नहीं हैं। वो रेगिस्तान की मिट्टी हैं जिसका टीला अभी यहाँ है, अभी वहाँ हैं। लेकिन तमाम तरतीब बिगड़ने के बाद भी रेगिस्तान कितना ख़ूबसूरत होता है, यह बताने की ज़रुरत नहीं है।

9. निराला 

Suryakant Tripathi Nirala

निराला अनगढ़ हैं। ज़िन्दगी में तमाम रिश्तों को खो देने के बाद निराला बचते हैं और अकेलापन बचता है। अब या तो इस अकेलेपन में घुट के आदमी नष्ट हो सकता है या फिर बिखरे तिनकों को समेट कर निराला हो सकता है। निराला इसलिए दीवाने हैं कि वो किसी एक रूप में नहीं हैं। वो इतने बिखरे हुए हैं कि कभी तो पन्त जी से झगड़ा कर के कुश्ती लड़ने लग जाते हैं, तो कभी उन्हीं पन्त जी की मृत्यु की ख़बर सुनकर बिलख-बिलख कर रोने लगते हैं। कभी वो इलाहाबाद में पत्थर तोड़ती लड़की को देख कर रोने लगते हैं तो कभी हिंदी भाषा पर दिए गए एक व्याख्यान से चिढ कर गाँधीजी से झगड़ा करने पहुँच जाते हैं। निराला इक ही बात में सिद्ध हैं, वो हैं उनका अपने नाम के अनुरूप निराला होना।

जनवरी की ठण्ड में भी कवि सम्मेलन से लौटते हुए किसी भिखारी को ठण्ड से ठिठुरते हुए देख लेते थे तो अपने शरीर का पड़ा एकमात्र कुरता भी उसे दे आते थे। वो एक ऐसे अनगढ़ फ़क़ीर हैं जो अपने आप के अलावा और सबके लिए जीते हैं। निराला का अक्खड़ होना किसी को अखर सकता है, लेकिन निराला कभी भी अपने लिए किसी से नहीं लड़े। जब भी किसी को अपना अक्खड़पन दिखाया, वो भाषा के सम्मान के लिए दिखाया। निराला का जीवन पढ़िए, उनके गीत पढ़िए, उनकी कविताएं पढ़िए, आप समझ जाएंगे कि इलाहबाद की उस गली में आज भी एक दीवाने की तसवीरें क्यों टंगी हैं।

10. देश पर शहीद हो जाने वाले तमाम दीवाने

National War Memorial

प्राणों की शहादत से बढ़ कर कुछ भी नहीं। मैं उस दीवानगी का कायल हूँ जो देश के लिए मर मिटने तक की प्रेरणा देता है। चाहे वो स्वतंत्रता सेनानी हों, चाहे वो देश के सैनिक हों, चाहे अन्य रक्षा बलों के जवान, वो सब सलाम के पात्र हैं। ये तो ऐसा ऋण है जो कभी चुकाया ही नहीं जा सकता। सोच कर ही रोमांच होता है, कि कोई व्यक्ति एक ऐसे उद्देश्य के लिए अपने प्राण दे दे जिस उद्देश्य के पूर्ण होने के जश्न का हिस्सा वो स्वयं कभी नहीं हो पाएगा।

भारत माँ के आँचल की स्नेहिल छाँव में ऐसे कई शेर हैं जो शहादत को आभूषण मानते हुए हँसते-हँसते शहीद हुए हैं। उस दीवानगी से बढ़ कर और कोई दीवानगी नहीं है। देश के अंदर और बाहर के दुश्मनों से देश की रक्षा करने के लिए सर कटाने तक की सोच रखने वाले हर दीवाने को मेरा प्रणाम है।

112 COMMENTS

  1. अभी तक तो इन महान हस्तियों का सिर्फ नाम जानते थे आज आपने असल में परिचय करवाया है।

    धन्यवाद महोदय

  2. Sir , मेरे 10 व्यक्तिव में आप भी है, हमे तो बस आपको ही सुनना है। मैनें अपने जीवन में आप जैसा वक्ता नहीं देखा है
    आपको मेरा प्रणाम और प्यार ।

  3. श्रीमान एक दीवाने तो आप भी है…
    कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है …

  4. इन दस का दीवाना तो में भी हु मेरे आदर्श dr कुमार विश्वास जी। ओर दस के बाद जिनका नाम आता है वो आप है ।आपकी आवाज का मैं दीवाना हु आपकी बातों में वो पवित्रता है जो शायद किसी मे नही है।मेने आपको बस दूर से एक बार देखा है जब आप सीकर राजस्थान clc coaching में पधारे थे 2013 लेकिन भगवान में चाहा तो आपसे मुलाकात जरूर होगी ओर वो दिन मेरे लिए सबसे खास दिन होगा

  5. Prernadayak….

    Bhagwan Krishna (16 Kalaye teaching), Kabir Das (Freedom of religion / casteslism), Bhagat Singh (Ignition of light in youths against British slavery), APJ Kalam (inspires youth to achieve goals no matter how poors you are)….

    1. Socrates
    ” True wisdom comes to each of us when we realize how little we understand about life, ourselves, and the world around us. ” – Socrates
    ” I cannot teach anybody anything. I can only make them think. ” – Socrates

    Waise to bhut sare quotes hain Socrates ke, but ye 2 quotes bhut hi jada inspirational lage. Socrates ki wajah se Greece me revolution ne janm liya aur waha ke tanashaah ne pareshan hokae, unko faasi ki saja sunayi gyi. Fassi ke samay Jallad ne unhe bhag jane me madad krna chaha parantu unhone ne mana kr diya Jisse ki Greece ke youth me wrong message na jaye.

    “लोकतंत्र जनता का जनता के द्वारा और जनता के लिए शासन है ” kaha jata hai. Janta democracy ka base h lekin chunav me vote dene ke siway, janata Democracy me koi active role ni play kr pati. Janata me se kuch log himmat bht kr pate h to RTI and jada se jada court tak hi ja pate h. Uske bad aaj ke (Handicapped) Democracy ke leaders to CBI, Income Tax etc ka dar dikha ke mentally, physically pareshan karne lagti hai. AAP party ne kuch “Healthy Democracy” ummid dikhayi thi but vo bhi ab dhumil hote dikhayi de rha hai.

    2. Mahatama Gandhi:
    “आँख के बदले आँख का सिद्धांत सारी दुनिया को अंधा कर देगा” – Desh ke youth me ho skta hai Mahatama Gandhi ko lekar kuch alag vichar ho but ye quotes hmesha prasangik hoga, na kewal Bharat ke liye balki pure World ke liye. Specially jb duniya ek dusre ko war ki dhamki de rhi ho unke liye one liner from Gandhi’s teachings- “Atomic Power is not a solution for entire world.”

    3. Mahatama Buddha:
    “Peace comes from within. Do not seek it without.” – Mahatama Buddha
    Aaj ki youth peace ka meaning samjhana chahiye. Siddharth, jiske pas duniya ki sari sukh suvidhaye thi except peaceful mind. Sab kuch tyag kr gyan prapt kiya aur pure Vishwa ke liye Mahatama ban gaye. Pure samuche Sansar ko Shanti ka updesh diya aur vishwa kalyan ka marg dikhaya.

    4. Martin Luther:
    “If you can’t fly then run, if you can’t run then walk, if you can’t walk then crawl, but whatever you do you have to keep moving forward.”

    Never give up….chahe jaisa bhi condition me hum kyu na ho. Martin Luther ke ye words hmesha hard times se move on krne me inspire karte rhenge.

    Aap youth ke aaj ke din me icons ban chuke hai. Mai chahta hu aap apne words se youth ho help kre unko healthy life build up karne me. Mai Mumbai me rhta hu, Delhi me bhi rah chuka hu (Basically Baba Bholenaath ki nagari, Kashi se hu…jiski mahima ka gurgaan aap krte rhte rhe hai kvi Baba Bhole ke naam pe to, to kvi Kabir Das, Tulsi Das, Bismillah Khan, Pt Madan Mohan Malviya, Prem Chandra, Jaya Shankar Prasad, Harish Chandra, Rani Laxmi Bai etc).

    Dono metro cities ke sath-sath Kashi me youths ko galat raste pe jate dekhta hu. Youth bina mehnat (short-cut) me sb kuch prapt krna chah rhe hai aur expected result na milne pe depression ki taraf rukh kr le rhe hai.

    British rules ke against, Jaisa Munsi Prem Chandra (Kalam ke Shipahi) ne apne rachnao se Janta ke andar jo parakram bharne me help kiya, thik waise hi aap apne words se youth ko sahi disha dikhane me help kare….

  6. डा. साहब आपकी सूची में कवियों और शायरों की बहुलता का होना स्वाभाविक ही है, लेकिन आपके दस प्रिय व्यक्तित्व में मर्यादा पुरुषोत्तम राम और गांधी का सम्मिलित होना भी अपेक्षित था।

  7. Very nice and inspirational tribute to ten great personalities….hats off vishvas hi…koi deewana kehta hai koi pagal samajhta Hain….

  8. क्या बात है कुमार विश्वास ही! बहुत ही उम्दा लेख, और बहुत ही उम्दा हस्तियों का चयन!

  9. आपके पसंदीदा सारे चरित्र कालातीत एवं अनिर्वचनीय हैं किन्तु K3 अतुलनीय हैं- कृष्ण,कबीर और कलाम।

  10. कुमार विश्वास जी आपके सभी प्रिय व्यक्तित्व मेरे भी यही है यानी अकेला मैं ही देशप्रेमी, अपनी संस्कृति और सभ्यता पर गौरव करने वाला नहीं हूं । आपकी काव्य शैली के हम कायल हैं । आप जो कहते हैं जो करते है लगता है मैं ही कर रहा हूं । आपको कोटि-कोटि धन्यवाद ।

  11. बहुत सही और वास्तविक है इन सभी महापुुषों का जीवन।

  12. Be proud sir…आप कि बातों को पढ़ कर या सुनकर लगता है कि,,अभी भी भारत में भारतीय लोग विद्यमान है 😊😊

  13. अच्छा लगा पढ़ कर।
    विज्ञान की पढ़ाई कर कर भी वो प्रेम हिंदी से अब भी वहीं है,शायद अधूरी इच्छा है।
    हर बार नया सीखने को मिलता है आपके लेख से।

  14. મુરબ્બી શ્રી કુમાર વિશ્વાસ જી

    આપની 10 પસંદગીની વયક્તિ એ હિન્દ ના રત્ન છે
    ધન્યવાદ આપું છું

  15. प्रणाम कुमार विश्वास जी अद्भुत दीवाने और उनके अद्भुत जीवन दर्शन प्राप्त हुए।

  16. अदभुद…
    प्रणाम भइया🙏
    आप को पढ़ने ,आप को सुनने ,आप को देखने से, मन हर्ष से भर उठता है। ऐसा सिर्फ इसलिए नही है कि आप मात्र एक अच्छे वक्ता हो जो अपनी बातों को बहुत अच्छी तरह से पेस करता है। बल्कि एक रंग मंच के एक ऐसे कलाकार के रूप में है, जिसको जो रोल दे दिया जाये वो बखूबी से निभाता ही नही बल्कि जीता है, आप का प्यार ,आप का मार्गदर्शन हमेशा से प्राप्त हुआ, और यही आशा भी करता हूँ। आप का अपने अपने राम पुरे परिवार के साथ बैठ कर 10 बार से अधिक सुना है, और आज आप के द्वारा अपनी पसंद के दीवाने जान कर उनको पड़ कर बहुत खुशि और बड़ा ही आंनद प्राप्त हो रहा है।
    आप का अपना
    …कवि” प्रेम”

  17. ये सभी महापुरुष सचमुच पूरे विश्व ही नहीं सारे ब्रह्माण्ड के चमकते धूमकेतु है जिनकी चमक आनी वाली कई पीढ़ियों को मार्गदर्शन देती रहेगी , आपने एक छोटी सी माला में कई युगों के युगपुरुष को समाहित कर दिया है

  18. डॉक्टर विश्वास नमस्कार मैं आपके कविता से आपके व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हूं फिलहाल मैंने कुछ लघु कहानियों और संस्कारों को एक पुस्तक के रूप में बनाया है जिसका आमुख आपके हाथों लिखवाना चाहता हूं अगर आप इसके लिए राजी हो तो मेरे लिए बड़े गर्व की बात होगी

  19. बहुत अच्छा लगा तमाम हस्तियों को पढ़कर ।
    आपसे एक गुजारिश है कि हिंदी की 15 सर्वश्रेष्ट पुस्तकों के विषय मे मुझे बताइये ।मैं साहित्य का विद्यार्थी हूँ और अच्छी पुस्तकों को पढ़ना चाहता हूँ ।।
    मुझे अभी अज्ञेय ,और निराला अच्छे लगते है ।।
    मैंने कुछ लिखा है , जब कभी आपको कुछ अलग करने का मन करे तो प्लीज़ सर , एक बार पढ़कर अपना आशीर्वाद और समझाहिश दोनों प्रदान करने का उपकार करें

    KaviSarveshpandey.blogspot.com

  20. Dr.Kumar, Adab !
    Bhoot acha post hae.
    Mae bhoot sae Shaeroo sae mila ho magar abho tak app sae nahi milsaka.Khabhi Bangalore ana ho toh mujhae inform kare.Mae bhi kuch kah leta hon aor book publish karnae ki tyaeri kar raha hon.

  21. एक लम्बे समय से इस सूची के इंतज़ार में था और आपके इस पोस्ट से मन में जो हर्ष हुआ उसे शब्दों के मोती में पिरोना मेरे लिए कठिन काम है।
    एक छोटी सी मनोकामना औऱ रही है अंतर्मन में जो आपके इस पोस्ट से फिर जागृत हो उठी,वैसे तो ये छोटा मुँह बड़ी बात होगी पर सुना है कि कुल में जो छोटा हो वो निवेदन निःसंकोच कर सकता है..
    बहुत वक़्त से आपकी पसंदीदा किताबें पढ़ने का इक्छुक हूँ जो आपने पिलखवे के रेलवे स्टेशन पे पढ़ी थी जब आपके साथ कोई नही था,सन्नाटे थे,आलोचनाएँ थी,सूनापन था औऱ सिर्फ वो किताबें थी।
    अपने इस अदने से शुभचिंतक की झोली में वो पोटली डाल दे जिन्होंने आपका तब साथ दिया जब आपके साथ कोई न था।
    आपका सदैव आभारी
    अभिषेक

  22. Thank you Pandit ji for letting me know about great personality with a different look having digestive literary genius

  23. बहुत सरल एवं सटीक सूची! दीवानगी के अनूठे उदाहरण। इस लेख के लिए बेहद शुक्रिया!!💜

  24. बहुत रोचक,मर्मस्पर्शी एवं स्वतंत्र शैली में स्वतंत्र सोच वाले “दीवानों” की दास्तान आप द्वारा हम जनमानस तक सुस्वादु व्यंजन के रुप में लाने के लिए शुक्रिया.. अगली कृति के इंतजार में…धन्यवाद सर जी..🌹🌹

  25. सर… प्रणाम…..
    बहुत संक्षेप मे सभी व्यक्तित्वों का बहुत ही सुंदर बखान किया आपने…
    धन्यवाद….

  26. प्रणाम 🌹🙏वाह गुरुदेव बोहोत खूब हमारा सोभाग्य हे की हमें सीधी धरा हि मिल गई हे आपके ये सभी १० अनुभव हे जो आपकी उम्र पीने में बाद मिले ओर हमें सीधे आपसे धरा मिली, भगत सिंग जी मेरे सबसे आदरणीय मूर्ति हे बाक़ी ९ को जल्दी ओर अधिक नए सिरे से अध्यंन कर लूँगा 🙏🌹प्रणाम🌹🙏

  27. आपका लेख आतम विभोर पूर्ण अति प्रशंसनीय ❤👌👌

  28. सर मैं b.Ed की स्टूडेंट हूं और मुझे महान व्यक्तित्व के बारे में और इतिहास के बारे में जानना बहुत पसंद है जो भी आपने बताया बहुत अच्छा बताया है बहुत अच्छा लगा पढ़कर धन्यवाद सर और इन महान व्यक्तित्व के बारे में पढ़ना बहुत अच्छा लगा ऐसे ही हमें आगे ज्ञान देते रहिएगा सर धन्यवाद!

  29. Behtreen… Isse sunder aaj tak kuch padha nhi… Aur ye padne ke baad u laga ki agar ab aankh bhi band ho jaye to koi gam nahi…

    Dr. Kumar Vishwas ji ko mera pranaam…

  30. वास्तव में संगठित व्यक्तित्व के निर्माण के लिए अत्यंत उत्साहपूर्ण अनुभवों और भावनाओं की आवश्यकता है, जिसने मुझे महान आत्माओं का सार महसूस कराया। विशिष्ट विशेषताओं की झलक भी भीतर और आस-पास की बुराइयों से लड़ने के लिए आंतरिक शक्ति प्रदान करता है। मनुष्य सार्थक महसूस करता है। आज के माध्यम से युवाओं को पीड़ित किया गया है। वे चारों ओर प्रचलित बुरा विकरालता के संपर्क में हैं। सिस्टम का शायद कोई पता नहीं है, क्या सिखाना है और क्या उजागर करना है। उन्हें भेड़ के झुंड की तैयारी में लगाया जाता है। इसे जारी रखो।

  31. कुमार भाई के मन , चेतन के सभी दस पुरखों को प्रणाम

  32. धन्यवाद कुमार विश्वास जी ,,,
    आपके इस लेख से हृदय कायल हो गया है हमारा

  33. इन सब दीवानों की दीवानगी को मुझ तक पहुँचाने के लिये
    इस सदी के सबसे बड़े दीवाने कुमार भैया को मेरा दीवानगी
    भरा प्रणाम।

  34. Very nicely chosen and described the top 10 personalities! Which are quite close to my list of top ten.May be, Except then 1 or 2 personalities.

  35. अन्य हस्तियों को तो इतने करीब से नहीं जाना(पढ़ा) है हा मगर ओशो रजनीश के विषय में जो कुछ भी लिखा है वह शतप्रतिशत सत्य है। शायद ये भी कम शब्द हैं ओशो के परिचय के लिए।😌😌

  36. कुछ ज्यादा नहीं आपके शब्दों में और ओशो जी के बारे में सुनना चाहता हूं
    @DrKumar

  37. अलग-अलग प्रकार की विचारधाराएं भारतीय संस्कृति की विलक्षणता का प्रतीक है, विचारधाराएं अलग अलग होने के बाद भी इनकी तत्व मीमांसा एक ही है- परम सत्य और अनंत प्रेम | जो भी व्यक्ति सत्य एवं प्रेम को लेकर जीवन में आगे बढ़ता है उसे पागलपन और दीवानगी के दौर से गुजरना ही पड़ता है | सत्य प्रेम की साम्यावस्था “स्थितप्रज्ञ” है और इसी स्थिति में मनुष्य देवत्व को प्राप्त होता है तथा नवयुग का सृजन करता है | इसी कारण भारतीय संस्कृति विश्व विजयी है |
    🌹🙏🌹

  38. मैं आप के सोच का आप के कवितावो का कायल हु मैं भी कविता लिखता हूं और लिखने के ललक है पर गुरु के आभाव और मार्गदर्शन के आभाव में बहुत से कमियां आ जाती है आप के मार्गदर्शन की अभिलाषा रखता हूं
    भवदीय
    गौरव कुमार मिश्र
    9506291060

  39. Sir m kha se suruat kru pta nhi but itna jarur kehna chahungi ki aapke prayaso se hmari knowledge bhut bd jati h . Aapne Hume
    ( teenagers) ko Hindi ki Kavita ki taraf itna akrshit kia ki Hume aaj kavitaein pdna acha lgne lga h. Hum kaviyo ke bare aur Jane k prayas krne lge h . so thank you very much😍

  40. पहले पाँच व्यक्तित्वों के बारे में तो थोड़ा बहुत मैंने जाना और पढ़ा है लेकिन छठे से नौवें तक जानने की अभी शुरुआत करने है और इनमें से शायद सबसे पहले निराला जी के बारे में पढूंगा क्योंकि आपके लिखे से लगता है कि वो शायद वाकई निराला थे।
    एक बात मैं जानना चाहता हूँ , यदि आपको समय मिले तो कृपया उत्तर अवश्य दीजिएगा। आपने ओशो के बारे में लिखा है कि “एक व्यक्ति आपकी उस आस्था को तोड़ देता है, वह भी पूर्ण और परिपक्व तर्क के साथ।”, मैं जानना चाहता हूँ कि क्या कोई ऐसा व्यक्तित्व या कृतित्व भी आपकी जानकारी में है क्या जो इसका बिल्कुल उल्टा अर्थात् टूटी हुई आस्था को जोड़ने की योग्यता रखता हो, विशेषकर ईश्वर में। यदि हो तो प्लीज बताइयेगा मुझे इसकी महती आवश्यकता प्रतीत हो रही है।
    सादर
    विवेक शिवाच

  41. जिसको पढ़ कर आत्मचिंतन की तरफ़ क़दम बड़ें .. ऐसी दस दिव्य विभूतियों के जीवन दर्शन कराए हैं आपने कि उनकी दिव्यता और गुण आत्मसात करने को मन करता है … वो दीवनापन कहें या एक सर्वोतम जीवन जीने की उनकी कुशलता .. कुछ तो पूर्व जन्म के कर्म है .. नियति और कुछ इस जन्म का पुरुषार्थ … आप भी एक अभूतपूर्व प्रेरणा का संचार करते हैं … पढ़ कर कहें तो समाधि सी लग गयी !!

  42. आनंद आ गया कविराज मैं आपको तहे दिल से नमस्कार करता हूं।

  43. सर ,आपके एक-एक शब्द अनगढ़ हैं, आपका दृष्टिकोण देश प्रेम का दृष्टिकोण है एवं देश के प्रति दीवानगी से है, ऐसे दीवाने जो देश की आन बान एवं शान के लिए सब कुछ न्यौछावर करने के लिए सदैव तत्पर रहें, ऐसे दीवानों के प्रति आपकी दीवानगी को प्रणाम है।।

  44. Meri is list me aap bhi shamil hain…. Me ek Sanskrit student hu…or kavyrasika bhi….so aaj k is yug me aap bhi ideal h …..Asankhy logo ke unme se ek me bhi hu….🥰🥰🥰

  45. और सर जी हमें आप का प्रत्येक वक्तव्य, प्रत्येक तर्क, प्रत्येक विचार प्रिय है/आप का प्रत्येक विषय पर प्रत्येक तर्क हमें सटीक और उत्तम प्रतीत होता है। यदि मेरे वक्तव्य में आप को कुछ कष्टदायक प्रतीत हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ 🙏🙏

  46. Nice, salute the inner imotions of Dr kumar vishwas,goes with poetry alongwith agitation led by kejariwal Guru,goes with kejariwal, refused so many political requests, back again to poetry/ literature, reviews say the nation has a very special character named as Dr. Kumar Vishwas.. thanks

  47. प्रियवर प्रणाम!

    आपकी लेखनशैली, व्यक्तव्यो से अत्यंत प्रभावित हूं।आपका शब्दकोष एवं रुपक मन का हरण करने वाले होते है।आपका यह ब्लॉग भी सरस और सुंदर लगा,आपसे अनुरोध है कि इसी तरह समय समय पर ब्लॉग लिखते रहा कीजिए ताकि,हम प्रशंसकों को भी आनंद मिलता रहे।कहीं पढ़ा था कि आप बहुतेरे पत्र पत्रिकाओं में लिखते रहते है,उन सबका तो मुझे ज्ञान नहीं।
    किन्तु!आपके दैनिक भास्कर में प्रकाशित होने वाले व्यंग श्रृंखलाओं को पढ़ा था।अब सहसा भास्कर में जब ५२ श्रृंखला पूरी हुई तो लेख आने भी बंद हो गए।आपसे मेरा आग्रह है कि इसी तरह अपनी इस अंतर्जाल पर नियमित ब्लॉग लिखते रहें।आपके यह लेख,कविता,शायरी या गीत चिर शांति प्रदान करने वाली एवं,,,, दग्धता को समाप्त करने वाली होते है।

    अभी इस विपत्ति काल या इससे थोड़े काल पूर्व ही मैंने भी यूं कुछ विचारकों को या आपकी शैली में कहूं तो दीवानों को कुछ थोड़ा बहुत पढ़ा,तो मेरे मन में भी एक इसी प्रकार सूत्र बनाने की इच्छा हुई।और,,,आज आपका यह लेख पढ़कर देखा तो इसमें दो महात्मन — “निराला” एवं “ओशो” समान रुप से विद्यमान है।
    कविवर!जब भी मैंने निराला जी या ओशो को पढ़ा तो हमेशा यूं लगता रहा कि आपके सभी प्रश्नों का,इन्होंने पहले ही उत्तर दे दिया अथवा आपके स्वर/विचार की प्रतिध्वनि इनमें है।
    अद्भुत! सरस!

    साष्टांग दंडवत!
    (त्रुटि व भावावेग में अधिक हो गया हो तो क्षमा कीजियेगा)
    जय राम जी

  48. Very True…..nice …..thank you…..spcial thanks for Krishna, Mirabai,saint Kabir, Dr. A.P.J. KALAM & All “Shahid sainiks”…Thank you…..

  49. Sir all the top ten is my top ten personality. The way you described all of them is unbelievable. My 11th personality are yourself . Keep writing and you are another Ghalib in centuries to come
    Thanks

  50. नमस्ते सर ! एक बहुत बड़ा इत्तेफाक है कि आपके पसंदीदा 10 व्यक्तित्व वे मेरे भी पसंदीदा व्यक्तित्व है।

  51. Lovely Dr.This country needs people like you जो झांखि कराये ऐसे महान लोगो के जीवन की।

  52. हर लफ्ज दिल की तह तक पहुंचा
    महान विभूतियों से ऐसे ही सुपरिचित करायें सर

  53. गजब सर् आपकी हर एक बात में कोई न कोई रहस्य होता है
    ओर हर बात से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है।आप ग्रेट हो सर्🙏🙏🙏

  54. सर आपके जो 10 प्रेरक व्यक्तित्व है वो काफी सुंदर चुने गए है,कांच और हीरे की पहचान कर ली गई है।लेकिन आप भी इससे कई ज्यादा महान है क्योंकि आप इन से प्रेरित होकर इन 10 के बराबर हो जाते हो और मैं आपसे प्रेरित होकर आप 11 के बराबर हो जाता हूं।अतः मैंने आपको प्रेरणास्त्रोत मानते हुए कई कविताये लिखी है।
    तकनीक के इस दौर में मैने कविताएं यूट्यूब चैनल om shah पर डाली है।उम्मीद है कि आप सुनेंगे।

  55. बहुत ही अनुकरणीय चयन… सभी महान विभूतियों का सारगर्भित परिचय देने के लिए धन्यवाद सर… ओशो को कभी पढ़ा नहीं किंतु अब अवश्य पढ़ना चाहूँगी… एक बात और है..वर्तमान के दीवानों की फेहरिस्त में एक दीवाने का नाम सबसे ऊपर होगा और वो हैं…. डॉ कुमार विश्वास… आप भी असंख्य लोगों की प्रेरणा हैं 🙏…. हिन्दी लिखने में ग़लती हो तो क्षमा 🙏

  56. चलिए इस दीवानों के आसमान में एक और दीवाने से मुलाकात करवाती हूं आपकी, सोचिए जिंदगी रफ्तार से चल रही है और सब कुछ एक समां में बंधा है जैसे, और अचानक उस दीवाने को लगा कि वो इस सब के लिए बना ही नहीं है इंजीनियरिंग में पढ़ते उस लड़के को लगा कि वह अपनी आत्मा की बात को अनसुना कर ईश्वर को अनसुना कर रहा है और ठान लिया उसने कि वो दिल की सुनेगा और दिल की सुनाएगा और जिन पिता से कभी बात करने की हिम्मत ना हुई उन्हें जाकर फैसला सुना दिया कि नहीं करनी उसे इंजीनियरिंग, और शुरू हुआ एक स्वर्णिम सफर एक अनहद यात्रा और एक गहन संघर्ष । कॉलेज के फर्स्ट ईयर में पढ़ते एक लड़के को हिंदी में हिंदी कविता में वह दिखा जो किसी ने सोचा ना था यह दीवाना प्रेम की कृति थी और इसकी कविताएं भी, नाम है कुमार विश्वास जो कहते हैं मैं प्रेम का कवि हूं वह प्रेम जो शाश्वत है किंतु सोचिए यदि यही प्रेम ना प्राप्त हो तो या तो इंसान बिखर जाए या निखर जाए और इस दीवाने और इस की कविताओं ने निखरना चुना और शुरू हुई दीवानेपन की ये यात्रा जिसने ना सिर्फ दीवानों की कड़ी में एक और दीवाना जोड़ दिया बल्कि एक नया मुकाम दे दिया हिंदी और हिंदी की कविताओं को एक नया भाव दे दिया युवा पीढ़ी को सब जैसे स्वप्निल चल रहा है और कुमार के क्रांतिकारी मन को लगा की बेहद जरूरत है निरंकुश सत्ता और मानवता के पतन को रोकने की किंतु नियति और कुछ मित्रों के छल को जैसे यह स्वीकार नहीं था कुमार चाहते तो खड़ा कर लेते एक नया सत्ता लोलुप साम्राज्य जहां वही बादशाह होते उन्हीं की हुकूमत लेकिन उस दीवाने मन ने अपनी धुन कभी नहीं छोड़ी ना तो उसे सत्ता चाहिए थी ना ही प्रसिद्धि “कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है” कि वह धुन बरकरार थी अपने पूर्ण अस्तित्व अपने प्रभाव को साथ लेकर और वह कवि अपनी धुन में आज भी गा रहा है ना तो उसे छल के हाथों पराजय स्वीकार है ना ही नियति के हाथों वह धुन बजती रहेगी यह दीवानापन जारी रहेगा लगातार निरंतर शताब्दियों तक…..

  57. श्रीमान आप भी दीवाने हैं आप की हिन्दी राष्ट्र भाषा के प्रति दीवानगी के कारण राष्ट्र कवि बनें है

  58. कुमार विश्वास जी, ऐसा लगता है मानो आपने और मैंने एक साथ ही ये लिस्ट तैयार की हो। ये सभी मेरे भी पसंदीदा किरदार हैं। और ये भी सच ही है कि इन महान हस्तियों को उनके जीवनकाल में वो सम्मान नहीं मिला जिसके वे काबिल थे। मगर शायद हमारे प्लास्टिक और आर्टिफिशियल समाज की यही बातें उन बाकी तमाम लोगों को जीने और कुछ करने का हौसला देती हैं, जो अलग सोच रखते हैं, अलग ढंग रखते हैं काम करने का, कि जब इनको नहीं समझा दुनिया ने, तो हम कौन हैं और वे यही सोचकर दिन रात बिना किसी पहचान, सम्मान की उम्मीद के जीवन बिता देते हैं। मै इसमें अपने एक और पसंदीदा किरदार का नाम जोड़ना चाहूंगी, मुंशी प्रेमचंद। धन्यवाद एक अच्छे ब्लॉग के लिए।

  59. आप हो, एक स्वप्न की भाँति
    पल भर मे ओझल हो जाते हो।
    आपको, जानने का ख्वाब
    ख्वाब, ही रह जाता है।
    आपकी बातें, आपका देश प्रेम
    आपका कवि मन, आपका सद् आचरण
    ही, मेरे लिए एक
    प्रेरणा का स्त्रोत बन जाता है।

  60. कभी कभी मन ये निश्चय नहीं कर पाता है कि आपको सुना जाए या आपको पढ़ा जाए। जब मन मे निराशा बीज का अंकुरण होने लगता है आपको पढ़कर आपको सुनकर उनका बीजों का भ्रूण स्वयं समाप्त हो जाता है।
    जैसे माँ कौशल्या राम सरीखे पुत्र को पाकर आनंदित होती हैं
    माँ शारदे भी ठीक उसी प्रकार आपके भाषा वैभव को देखकर स्वयं पर गर्व करती होंगी।
    आशा करता हूँ कि आप इसे पढ़ेंगे।
    धन्यवाद

  61. दसों दिशाओं मैं महकती खूशबू की तरह है इन सभी का जीवन चरित्र। इन सभी के साथ में आपको ग्यारह वां व्यक्तिव मानकर आप सभी के चरण कमलों में सत सत नमन करता हूँ।
    अमित कुमार यश
    (उत्तर प्रदेश)

  62. बहुत सुंदर शब्दों में अभिव्यक्त किया है डॉ साहिब आपने ,मेरे भी दिल के बहुत क़रीब हैं ये 10 महान व्यक्तित्व । मैं आपकी प्रशंषक हूँ ,आपमें भी वैसा ही दीवानापन महसूस होता है जैसा इन महान हस्तियों में था । प्रेम ,देशभक्ति ,बेबाकीपन , ज्ञान ,सहजता ,आकर्षक व्यक्तित्व से ओत प्रोत हो ।जब राजनीति से जुड़े तो समझ नही आया कि इतना सर्वगुण सम्पन्न व्यक्तित्व राजनीति जैसे दलदल में कैसे ? फिर धीरे धीरे आभास भी हुआ कि इस दलदल की सफाई आप जैसे लोगों से संभव है ।

  63. दिवानों की फेहरिस्त में अगला नाम आपका ही है। वर्तमान में देश की आदर्शों पर चलने को जिसने मुझे सिखाया है वह आप और मेरे गुरूजी हैं। मेरा अंतिम सपना है दोनों का हाथ एक साथ अपने माथे पर महसूस करना चाहता हूं। चरणस्पर्श 🙏🙏 ं

  64. हिंदुस्तान में ज्ञान और विद्वता की खान से जो दस हीरे आपने चुने हैं, नायाब हैं। इस प्रभावशाली Post के लिये आभार।🙏

  65. इसीलिए तो विश्वाश पर युवाओं को विश्वाश है क्योंकि इससे बढ़िया ओर चुनिंदा लोगो को निकालना जो सबकी इक्षाओं को प्रदर्शित करता है ।

    ,,👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍

  66. इस लिस्ट में एक नाम और जोड़ दीजिए…
    “डॉ कुमार विश्वास” कविताएं इस दीवानगी के साथ लिखी की पूरा जमाना दीवाना हुआ बैठा है इनका !!

  67. मुझे भी ये महानविभूतियां पसंद हैं।इनके लेख मानव को अपने जीवन को,जीवन की समझ को हममें भी विकसित करती हैं।आप ने इनकी जो सटीक जानकारी दी उसके लिए आपको नमन।

  68. प्रेरणादायी है आपके ए 10 महान व्यक्तित्व ।
    ये दसों महापुरुष भारतीय अन्तरिक्ष के वो नवग्रह है,
    जिससे पूरा जगत् स्वयं को आलोकित करता है।
    धन्यवाद सर

  69. Sir aap.bahut mahan hai
    Aap ka mai ak sacha fan hu
    My name is Shailendra Kumar
    Village Khartala post Rashoolpur block Nindura jila Barabanki ka rahne wala hu mere jivan ka sapna hai kavi banane ka jo mushe garv hai ki mai poem written karta hu maine kush poem written ki hai

  70. आदरणीय गुरुदेव श्री कुमार विश्वास जी को मेरा प्रणाम,
    महोदय मेरा नाम युगल चौहान है , मेरी आयु 18 वर्ष है, मैंने अभी 12th किया है, मैं यूपी मैं फिरोजाबाद से हूं , श्रीमान मैंने आपसे मिलने का प्रयास किया आपके ऑफिशियल मोबाइल नंबर पर फोन भी किया परंतु लॉकडाउन के चलते आपसे नहीं तो बातचीत हो सकी नहीं मिल सका आदरणीय विश्वास जी मैंने अपने जीवन का एक लक्ष्य बनाया है और उस लक्ष्य के लिए मैंने अपना घर परिवार संपत्ति सब कुछ त्याग करने का फैसला लिया है यहां से मैं अपने जीवन के प्रत्येक मार्ग पर अकेला ही चलूंगा मैंने फैसला लिया है मैं अपने जीवन को अपनी मातृभूमि के लिए जिऊंगा मैं सब कुछ अपनी भारत माता के लिए करूंगा, महोदय अपने लक्ष्य पूर्ति हेतु मुझे गुरु की आवश्यकता है जब तक हमारा कोई मार्गदर्शन नहीं करता है हमें उचित ज्ञान नहीं होता है तब तक हम अपना लक्ष्य पूर्ण नहीं कर सकते महोदय आज गुरु पूर्णिमा है मैं चाहता हूं आप मेरी विनती स्वीकार करें मेरा आपसे हाथ जोड़ कर विनम्र निवेदन है 🙏 मुझे अपने शिष्य रूप में स्वीकार करें मेरा उचित मार्गदर्शन करें गुरुदेव , मैं लॉकडाउन के चलते आपसे अभी मुलाकात नहीं कर सकता, जब आप मुझे आपसे मिलने का अवसर देंगे तब मैं अपने जीवन के लक्ष्य के बारे में आपको बताऊंगा हे गुरुदेव अभी मेरा पहला लक्ष्य यह है कि मुझे आपका शिष्य बनना है और मेरे देश में बहुत कुछ ऐसा गलत हो रहा है जो नहीं होना चाहिए उस सब पर मैं आपसे मिलकर ही बात करूंगा मेरी विनती स्वीकार करिए और आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मुझे आशीर्वाद दीजिए ,
    Mob no , 7088404142
    गुरुदेव यह मेरा नंबर है , मुझे एक बार मिलने का अवसर अवश्य दीजिए मुझे आपसे मिलने का कांटेक्ट नहीं पता सोशल मीडिया से यही आप तक संदेश पहुंचाने का अवसर मिला है , ।
    🙏🙏 प्रणाम गुरुदेव

  71. निस्संदेह गुरूदेव वर्तमान संदेहास्पद बना हुआ है पर इतिहास दीवानों का ही होता है इन प्रभावशाली व्यक्तित्व को संक्षेप में ध्यान आकृष्ठ करने के लिये आपका आभार 😍🙏

  72. आपको सादर प्रणाम
    क्या बात है सर
    हमारे तो आदर्श आप हैं, हमारे गुरु हैं आप।

  73. Respected Sir,

    I am really inspired by you and your knowledge, we are getting knowledge by you.
    You are a great person in the country in this situation.
    I salute you Sir.

  74. बहुत ही उच्च कोटि के व्यक्तियों के प्रशंसक हैं आप ,और आप भी वैसी ही दीवानगी रखते हैं ।

  75. सर आपकी भी हिन्दी के प्रति क्या गजब की दीवानगी है में आपकी इस हिन्दी भाषी दीवानगी पर मैं मन्त्र मुगध हूँ।।

  76. सर आपकी भी हिन्दी के प्रति क्या गजब की दीवानगी है में आपकी इस हिन्दी भाषी दीवानगी पर मन्त्र मुगध हूँ।।

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